उड़ीसा में जगन्नाथपुरी की तर्ज पर प्रति बारह वर्ष में प्रतिमाओं का नवकलेवर करवाया जाता है। विक्रम संवत 1735 के बाद द्वितीय नवकलेवर विक्रम संवत 1986 (सन् 1929) में हुआ। तृतीय नवकलेवर विक्रम संवत 2049 (सन् 1992) में हुआ। इसी समय छत का निर्माण पौष बुदी अमावस्या को करवाया गया, तत्कालीन प्रधान पुजारी कमलदास थे। मंदिर निर्माण में ईंट महाजीत ने दी थी और दरवाजे का निर्माण भूरसिंह खेडला ने करवाया था। चतुर्थ नवकलेवर विक्रम संवत 2068 में (सन् 2011) में हुआ जिसमें महायज्ञ का आयोजन भी किया गया था।

फूल बांग्ला झांकी
:- वृंदावन के बांके बिहारी मंदिरकी तरह हीश्री जगदीश धाम मंदिर को सजाया जाता है.
यह उत्सव गर्मियों में श्री जगदीश जी भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए मनाया जाता है, जहाँ उन्हें फूलों और पत्तियों से सजाए गए दिव्य बंगलों में विराजमान किया जाता .
• गर्मी के मौसम में श्री जगदीश जी को ठंडक और शीतलता देने के लिए यह विशेष श्रृंगार किया जाता है।
• श्रद्धालु अपनी श्रद्धा अनुसार फूलों से सजावट करवाते हैं
• सुगंधित फूलों का उपयोग किया जाता है, जैसे गुलाब, गेंदा और चमेली.
• श्रद्धालु भगवान को फूलों के आभूषणों से भी सजाते हैं।
• आध्यात्मिक अनुभव:
• फूलों की सुंदर और मनमोहक सजावट के बीच भजन सुनकर भक्तों को प्रभु के प्रति प्रेम और भक्ति का अनुभव होता है, जो एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव होता है।
• फूलों की सुगंध और प्राकृतिक सुंदरता भक्तों के मन को शांति और प्रसन्नता प्रदान करती है
• आप भी फूल बांग्ला झांकी बनाकर ईश्वर की असीम कृपा का भागी बनने और उनकी सेवा करने का अवसर प्राप्त कर सकते हैं।


ब्रज के प्रमुख त्योहारों में लट्ठमार होली, जन्माष्टमी, राधाष्टमी, गुरु पूर्णिमा, और ब्रज महोत्सव शामिल हैं. ये त्योहार भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम से जुड़े हैं और इनमें अनूठे परंपराओं का पालन किया जाता है,जो ब्रज क्षेत्र में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता .
उन सभी परंपरा और त्योहारों को आज भी श्री जगदीश धाम कैमरी में भी ब्रज की आस्थाओ के साथ उसी रूप में मनाया जाता है।