उड़ीसा में जगन्नाथपुरी की तर्ज पर प्रति बारह वर्ष में प्रतिमाओं का नवकलेवर करवाया जाता है। विक्रम संवत 1735 के बाद द्वितीय नवकलेवर विक्रम संवत 1986 (सन् 1929) में हुआ। तृतीय नवकलेवर विक्रम संवत 2049 (सन् 1992) में हुआ। इसी समय छत का निर्माण पौष बुदी अमावस्या को करवाया गया, तत्कालीन प्रधान पुजारी कमलदास थे। मंदिर निर्माण में ईंट महाजीत ने दी थी और दरवाजे का निर्माण भूरसिंह खेडला ने करवाया था। चतुर्थ नवकलेवर विक्रम संवत 2068 में (सन् 2011) में हुआ जिसमें महायज्ञ का आयोजन भी किया गया था।