गढ़मोरा [ करौली]
करौली जिले में स्थित ‘राजा मोरध्वज का गढ़’ के नाम से प्रसिद्ध है, जो महाभारत काल के एक भक्त राजा मोरध्वज की नगरी थी. यहाँ 5,500 साल पुराने इतिहास, स्थापत्य…
Read moreकरौली जिले में स्थित ‘राजा मोरध्वज का गढ़’ के नाम से प्रसिद्ध है, जो महाभारत काल के एक भक्त राजा मोरध्वज की नगरी थी. यहाँ 5,500 साल पुराने इतिहास, स्थापत्य…
Read moreयह मंदिर कृष्ण को समर्पित है । ऐसा माना जाता है कि एक रात, राजा गोपाल सिंह को भगवान ने स्वप्न में निर्देश दिया कि मुगल बादशाह औरंगजेब द्वारा वृंदावन…
Read moreराजस्थान के करौली जिले में स्थित एक प्राचीन जैन तीर्थस्थल है, जो 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर को समर्पित है. यह मंदिर गंभीर नदी के तट पर स्थित है. लगभग 450…
Read moreदूरी:कैमरी गांव से लगभग 70 से 80 किलोमीटर दूर।साधारण विवरण:करौली के बाहरी इलाके में कालीसिल नदी के किनारे त्रिकुट की पहाड़ियों पर स्थित, यह मंदिर देवी कैला देवी को समर्पित…
Read moreदूरी: कैमरी गांव से लगभग 20 से 30 किलोमीटर।साधारण विवरण:यह हनुमान जी का एक बहुत ही प्रसिद्ध और जागृत मंदिर है। यहां तीन प्रमुख देवों की पूजा होती है: बालाजी…
Read more• भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा प्रति वर्ष जगन्नाथ मंदिर से रवाना होकर श्री जानकी माता मंदिर, जनकपुर तक जाती है।• तीनों रथों में श्रीकृष्ण, बलदाऊ और बहिन सुभद्रा विराजमान…
Read moreo यह चामुंडा माता के समीप ही स्थित है।o यहाँ सभी समाज के लोग शीतला अष्टमी और शादी-विवाह के बाद जोड़े सहित पूजन करने आते हैं।
Read moreo गाँव सात द्वारों से सुरक्षित था।o हतोशाही मोहर प्रकरण को लेकर अकबर की सेना ने आक्रमण कर दिया था, जिसकी सेना का नेतृत्व जयपुर के महाराज मानसिंह ने किया।o…
Read moreo यह कैमरी प्रवेश द्वार का सबसे प्राचीन मंदिर है।o यहाँ बारह गाँव के नव दंपति जात करने आते हैं।o इसी मंदिर बुर्ज के कारण कैमरी का नाम कैमरी बुजुर्ग…
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